बस्ती । वरिष्ठ कवि डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को उनके साहित्यिक योगदान केलिए विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा ‘साहित्य वाचस्पति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।उन्हें यह पुरस्कार उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के आडिटोरियम में राज्य मंत्रीश्यामबीर सैनी, संस्कृत अकादमी के निदेशक डा. आनन्द भारद्वाज, कुलपति डा. दयानन्दजायसवाल ने दिया।
पिछले पांच दशक से साहित्य के क्षेत्र में निरंतरसक्रिय और ‘चाशनी’ से लेकर ‘किसी की दिवाली किसी का दिवाला’, विलाप खण्ड काव्य,‘हम तो केवल आदमी है’, ‘सच का दस्तावेज’, ‘खुशियों की गौरैया’ बाल सुमन,बालचेतना, ‘नन्हें मुन्नों का संसार’ आदि कृतियों के रचयिता डॉ. जगमग कृत चाशनी का अबतक छह संस्करण प्रकाशित हो चुका है।
सम्मान से अभिभूत डाॅ. जगमग ने कहा किउन्होंने जिस तरह से जीवन को देखा उसे शब्दों में उतार दिया, यह क्रम अनवरत जारीहै। पुरस्कारों से और बेहतर सृजन की क्षमता मिलती है। ‘साहित्य वाचस्पति पुरस्कार’ से सम्मानित कियेजाने पर कुलाधिपति डा. रामजन्म मिश्र, कुल सचिव डा. देवेन्द्रनाथ शाह, डा. राधेश्याम बंधु, डा. वीके वर्मा, ज्ञानेंद्र द्विवेदी ‘दीपक’, विनोद कुमार, डाॅ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, विनोद उपाध्याय, डा. हेमा पाण्डेय, डा. ओपी वर्मा, बीके मिश्र, डाॅ.अफजल हुसेन, पेशकार मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी सहित देश के प्रमुख साहित्यकारों ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।
