बस्ती। हरैया पुलिस ने अधिवक्ता चन्द्रशेखर यादव की अपहरण बाद निर्मम तरीके से हत्या करने के मामले में नामजद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य वांछितों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है। हत्या मामले में पुलिस गिरफ्त में आए लोगों में मृत अधिवक्ता के बहनोई रणजीत यादव, ममेरा भाई सोहित उर्फ विनय यादव शामिल है।
गाड़ी में जबरन लादकर उठा ले गए, हत्या कर शव सड़क पर फेंका
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के बैदोलिया अजायब निवासी अधिवक्ता चन्द्रशेखर यादव (42) की 25 जनवरी को अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। हर्रैया तहसील से वापस लौटते समय नरायनपुर तिवारी गांव के पास उनकी बोलेरो गाड़ी से जबरन खींचकर स्कार्पियो गाड़ी में लादकर उनका अपहरण कर लिया गया। उन्हे बुरी तरह मारा पीटा गया। उनकी हत्या कर शव को वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर चौरवा के पास फेंक दिया गया।
अधिवक्ता की पत्नी ने तीन नामजद,8 अज्ञात पर दर्ज कराया मुकदमा
मामले में अधिवक्ता की पत्नी उमा देवी की तहरीर पर हर्रैया थाना क्षेत्र के खम्हरिया गंगाराम निवासी रणजीत यादव, संदीप उर्फ मोनू, कप्तानगंज थाना क्षेत्र के बैदोलिया अजायब निवासी सोहित उर्फ विनय व सात – आठ अज्ञात के खिलाफ अपहरण, हत्या सहित बीएनएस, आईपीसी की अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कप्तानगंज थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया।
शरीर पर मिले चोट के 23 निशान, आक्रोशित अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
अधिवक्ता की अपहरण बाद हत्या करने से आक्रोशित जनपद के अधिवक्ताओं ने दीवानी कचहरी गेट के समक्ष दो दिन तक लगातार विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित अधिवक्ताओं का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर 23 चोट के निशान मिले जो हत्यारों के क्रूरता की हदे पार करना दर्शाता है। अधिवक्ताओं में इस बात पर भी रोष है कि पुलिस ने लापरवाही बरती। अब तक हत्या में प्रयुक्त वाहन तक बरामद नहीं किया, न ही कोई गिरफ्तारी की गई। अधिवक्ता के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी, उनके परिवार की सुरक्षा और आर्थिक सहायता की मांग किया। मौके पर पहुंचे एएसपी ओपी सिंह ने हत्यारों की गिरफ्तारी और विधिसंगत कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कार पर सवार होकर भाग रहे दो गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
अधिवक्ताओं के आक्रोश और बढ़ते दबाव के बीच हर्रैया पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर हसीनाबाद-अमारी बाजार घघौवा मार्ग पर पूरे बेचू गांव के पास से रणजीत और सोहित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार वे गिरफ्तारी से बचने के लिए कार पर सवार होकर अयोध्या की ओर भाग रहे थे। छानबीन के दौरान वांछित संदीप यादव उर्फ मोनू के अलावा छानबीन के दौरान प्रकाश में आए अनुराग यादव उर्फ राघवेन्द्र, आदित्य कुमार यादव की गिरफ्तारी के लिए उनकी तलाश में जुटी है। घटना में शामिल अन्य के बारे में भी छानबीन कर रही है। अपहरण और हत्या में प्रयुक्त स्कार्पियों अधिवक्ता के सगे बहनोई रणजीत यादव की है।
जमीनी मामले में विपक्षियों का साथ देना बना हत्या का कारण
पुलिस के अनुसार पकड़े गए दोनो ने पूछताछ में बताया कि अधिवक्ता चन्द्रशेखर यादव मात्र कहने के लिये उनके रिश्तेदार थे, वे हर कदम पर हम लोगों का विरोध करते थे और मुकदमा पर मुकदमा लादते जा रहे थे। उन्होनें हमारी जमीन तक कुर्क करवा दिया था, अन्य हमारे जमीनी मामले में भी वे उनके विपक्षियों का साथ दे रहे थे । इसलिए अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दिया। उल्लेखनीय है कि अपहरण और हत्या की इस घटना में प्रयुक्त स्कार्पियों अभियुक्त रणजीत यादव पुत्र रामबोध यादव निवासी खम्हरिया गंगाराम थाना हर्रैया जनपद बस्ती की ही है। अभियुक्त रणजीत यादव, अधिवक्ता चन्द्रशेखर यादव के सगे बहनोई है और अभियुक्त सोहित उर्फ विनय यादव रणजीत का ममेरा भाई है। अधिवक्ता चन्द्रशेखर यादव की बहन की तरफ से इन लोगों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत थे। अभी तक की विवेचना से उक्त दोनों अभियुक्तों के अतिरिक्त तीन अन्य अभियुक्त के नाम भी प्रकाश में आए है, जिनकी तलाश की जा रही है और घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। गिरफ्तारी के दौरान मौके पर मिली स्वीफ्ट कार को घटना के बाद से आरोपी प्रयोग कर रहे थे, जिसे सीज कर दिया गया।
