बस्ती। कप्तानगंज क्षेत्र के माझा ग्राम पंचायत के प्रधान साहबदीन निषाद और कम्पोजिट विद्यालय माझा की प्रधानाध्यापिका मेनका यादव के बीच गणतंत्र दिवस के दिन हुए विवाद की बीईओ कप्तानगंज प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने जांच की। दोनो पक्षों से बीईओ ने अलग- अलग बयान लिया। बयान लेने के दौरान एक ग्रामीण ग्राम प्रधान से झगड़ा करने पर आमादा हो गया, जिसके बाद ग्राम प्रधान ने कप्तानगंज थाने पर फोन से अवगत कराया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष ने विवाद खत्म करने की किया अपील, प्रधान से मांगी माफी
प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने प्रधानाध्यापिका की ओर से ग्राम प्रधान से माफी मांगते हुए विवाद को खत्म करने की अपील की। जांच के समय उपस्थित लोगों के सामने मामले में सुलह समझौता की घोषणा की, लेकिन ग्राम प्रधान ने सुलहनामा के सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा। ग्राम प्रधान का कहना है कि उन्हे अपमानित करने वाली शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्थानान्तरण किया जाना चाहिए। कहा कि जांच रिपोर्ट संतोषजनक न मिलने पर पुनः उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी ।
बीईओ बोले उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी जांच आख्या
बीईओ ने बताया कि प्रकरण में ग्रामीणों, ग्राम प्रधान, शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष की उपस्थित में जांच की गई । जांच आख्या उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। इस दौरान पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि पिन्टू सोनकर, कप्तानगंज प्रधान संघ अध्यक्ष मनीष कुमार चौधरी भी मौजूद रहे।
यह था मामला,प्रधान ने की थी अधिकारियों से शिकायत
बता दें कि ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी , बेसिक शिक्षा अधिकारी , खंड शिक्षा अधिकारी से प्रधानाध्यापिका की लिखित शिकायत किया था। शिकायत में कहा था कि गणतंत्र दिवस के दिन वे झण्डारोहण हेतु विद्यालय पर पहले पहुंचे, जबकि प्रधानाध्यापिका अपने स्टाफ के साथ निर्धारित समय प्रातः 10 बजे की जगह 10.15 बजे पहुंची। जब उनके द्वारा कहा गया कि कम से कम राष्ट्रीय पर्वों पर तो समय से समस्त स्टाफ विद्यालय पहुँचे तो प्रधानाध्यापिका नाराज हो गई। शासकीय निर्देश के क्रम में महापुरुषों की फोटो में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की भी फोटो लगाने के बारे में कहा तो प्रधानाध्यापिका ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए स्कूल के बच्चों, अभिभावकों के सामने उन्हे अपमानित किया। चेतावनी दी कि कभी भी विद्यालय में झण्डारोहण करने न आए, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर ठेस लगी। सामाजिक रूप से अपमानित किए जाने को लेकर ग्राम प्रधान ने कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग किया था। जिसके बाद बीईओ द्वारा जांच के क्रम में दोनो पक्षों का बयान लिया गया।
