12 ज्योतिर्लिंग में से एक है काशी विश्वनाथ जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है । मंदिर गंगा नदी के पास विश्वनाथ गली नामक एक छोटी सी गली में स्थित है। यहाँ लोग देश विदेश से दर्शन करने आते हैं। माना जाता है की यहाँ देहावसान होने के बाद इंसान को मुक्ति मिल जाती है। यहाँ दिन-रात श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। पहले की अपेक्षा मंदिर का अधिक विकास हुआ, मंदिर को कॉरिडोर से जोड़ दिया गया लेकिन इसी के साथ यहाँ के दुकानदारों ने आने वाले श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों को अपनी लूट का माध्यम बना लिय। आस्था के इस शहर में व्यवसाईकरण हावी हो गया और मंदिर परिसर में स्थित दुकानदारों ने अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दुकानों का पूरी तरह व्यवसाईकरण कर दिया है। यहाँ के दुकानदार निशुल्क लाकर के नाम पे प्रसाद बेचने का दबाव बनाते हैं। मोबाइल फ़ोन, बड़ा बैग, डिजिटल वाच, इलेक्ट्रॉनिक चाभी इत्यादि को लाकर में रखने के लिए आपको प्रसाद लेना पड़ेगा, प्रसाद लिए बिना आप अपना कोई भी सामान वहाँ नहीं रख सकते । अगर आपको दर्शन करने के लिए जाना है तो मोबाइल फ़ोन, बड़ा बैग, डिजिटल वाच, इलेक्ट्रॉनिक चाभी अपने कमरे पर ही छोड़ कर जाएं। कोशिश करें की दर्शन सुबह 5 बजे के आस पास करे या फिर रात को 8 बजे के बाद , इस समय आपको लम्बी लाइन का सामना नहीं करना पड़ेगा और दर्शन करने में भी किसी प्रकार की हड़बड़ी नहीं रहेगी। जूता, चप्पल रखने के लिए सरकारी लाकर बना है जो गेट 4 पे है जो की निशुल्क है। अगर आपको भोजन करना है तो आप गेट 2 से जाकर माँ अन्नपूर्णा मंदिर में निशुल्क प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। अगर इसके बाद आपके पास समय बचता है तो मंदिर के पास स्थित दशाश्वमेध घाट पर सुबह 5 बजे से 5 :30 बजे तक और शाम 7 बजे से 7 :30 बजे तक होने वाले गंगा आरती में शामिल हो सकते हैं।
