Basti: शिव की भक्ति आभा में डूबा वातावरण , हर तरफ बोल बम की गूंज, कांवड़ियों पर आसमान से बरसे फूल

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बस्ती। भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों का जत्था निकल पड़ा है। हर तरफ बोलबम की गूंज सुनाई दे रही है। कांवड़िया शिवभक्तों के रेले के चलते एनएच पर अयोध्या से लेकर बस्ती तक समूचा वातावरण शिव की आभा में डूबा नजर आ रहा है। अपने आराध्य शिव का जलाभिषेक करने के लिए अयोध्या से पवित्र सरयू का जल लेकर निकले अधिकांश कांवड़िया जगह- जगह पहुंचकर विश्राम कर रहे है। कांवड़ियों की सुविधा के लिए अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं, समाजसेवियों द्वारा लंगर, जलपान, चिकित्सा शिविर लगाए गए है। शहर तक में कांवड़ियों का जत्था पहुंच कर विश्राम कर रहा है। आधी रात के बाद श्रावण मास की शिवरात्रि पर पौराणिक बाबा भदेश्वर नाथ सहित अन्य शिवमंदिरों, शिवालयों पर कांवड़ियों द्वारा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू होगा। अमहट घाट, शास्त्री चैक, फुटहिया, कचहरी, सिविल लाइन, डारीडीहा आदि क्षेत्र आदि में कांवड़िया शिवभक्त पहुंचकर विश्राम कर रहे है।

शाम से कांवड़िया भदेश्वर नाथ धाम के लिए कूंच करेंगे। काफी संख्या में कांवड़िया भदेश्वर नाथ मंदिर परिसर में पहुंच चुके है। इंतजार है तो बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर का कपाट खुलने का। यहां आधी रात के बाद से ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस, प्रशासन की ओर से भी व्याप्क प्रबन्ध किये गये है।
भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का उल्लास मन में संजोएं कांवड़िया बोल बम के नारों के साथ आगे बढ़ रहे है। चिलचिलाती धूप, उमस भरी गर्मी के बीच उनके कदम भक्ति गीतों की धुन के साथ थिरक रहे है। मौसम के तल्ख तेवर पर आस्था भारी है। कांवड़ यात्रा में बच्चे, बूढ़े, युवा, युवतिया, महिलाएं शामिल है। शिवभक्ति की आभा चहुंओर बिखरी है। हर कोई शिव की भक्ति में तल्लीन नजर आ रहा है। कांवड़ियों के रेले को देखते हुए शिव मंदिर के आस पास चाट, पकौड़ों, खिलौनों, सौन्दर्य प्रसाधन, मिठाई आदि की दुकाने सज गई है। भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के बाद कांवड़िया मेंले का आन्नद उठाएंगे।


अमहट घाट शिव मंदिर पहुंच चुके कांवड़ियों पर मंडलायुक्त अखिलेश सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव त्यागी ने हेलीकाप्टर से पुष्प् वर्षा की। कांवड़ियों ने हर हर महादेव के जयघोष लगाए। आसमान से कांवड़ियों पर पुष्प् वर्षा हुई तो कांवड़िया भाव विभोर होकर थिरकने लगे। कांवडियों के विविध रूप् भी देखने को मिले। कहीं कांवडिया भोलेनाथ के वेश में कांवड़ लिए मिले तो कहीं भारी भरकम कांवड़ में गागर में सरयू का पवित्र जल लेकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने निकल पड़े, कहीं दो भाइयों ने मिलकर एक साथ कांवड़ उठाया। फुटहिया पर भजन गायकों के भक्ति गीतों, लंगर का भी आनन्द कांवड़िया उठा रहे है।