नाबालिग पीड़ित के मानसिक प्रताड़ना, बयान बदलने का दबाव बनाने का मामला
बस्ती। परसरामपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पाक्सो पीड़ित नाबालिक बालक ने मुकदमा के विवेचक और थानाध्यक्ष पर मानसिक रुप से पीड़ित करने और बयान बदलने के लिए दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए है। न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने इसे गंभीरता से लेते हुए विवेचक और थानाध्यक्ष को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है।
बता दें कि परसरामपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी बालक के साथ गांव के कुछ लोगों द्वारा लैंगिक अपराध करने का आरोप है। पीड़ित के अनुसार घटना के बाद थाने का चक्कर लगाने के बावजूद उसका मुकदमा परसरामपुर पुलिस ने दर्ज नही किया, इसके बाद पीड़ित ने थक हार कर न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर परसरामपुर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब पीड़ित को बार – बार थाने पर बुलाकर परेशान किया जा रहा है। पीड़ित नाबालिक ने न्याय पीठ के समक्ष शिकायत पत्र प्रस्तुत कर कहा कि विवेचक द्वारा बयान देने के लिए उसे बार -बार थाने पर बुलाया जा रहा है और बयान बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बयान के लिए बड़ी उम्र के लोगों को बुलाया जाय, जबकि पीड़ित का कहना है कि घटना के समय जब नाबालिक बच्चे ही मौजूद थे तो बड़े लोगों को कहा से बुलाया जाय। पीड़ित के परिजन ने बताया कि पुलिस बार- बार बुलाकर बच्चे का उत्पीड़न कर रही है, जिससे बच्चे की मानसिक स्थिति खराब हो रही है। इसका असर उसकी पढ़ाई एवं स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी ने थानाध्यक्ष एवं विवेचक को आदेशित किया है कि उक्त प्रकरण मे 18 अगस्त तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे। सदस्य अजय श्रीवास्तव ने बताया कि स्पष्टीकरण से संतुष्ट नही होने की दशा मे जिम्मेदार पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।
