बस्ती। डीएम रवीश गुप्ता ने घरसोहिया में निर्माणाधीन पीसीएफ गोदाम का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि निर्माण कार्य प्राथमिक स्तर पर है, प्लिंथ स्तर तक निर्माण किया गया है। प्लिंथ बीम में जगह-जगह टूट-फूट मिलने के बारे में अवर अभियन्ता द्वारा बताया गया कि यह शटरिंग निकालने में हुआ है। निर्देश दिया कि सावधानी से कार्य करें।
एक ही जगह होगी दस हजार कुंतल खाद भंडारण की क्षमता
बता दें कि खाद, गेहूं व बीज के भंडारण की व्यवस्था सहकारिता विभाग संभालता है। जिले में करीब आधा दर्जन गोदामों में खाद रखा जाता है। बावजूद इसके जब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचने वाली मालगाड़ी से उतरने वाली खाद की बोरियां डंप होती हैं तो अधिकारियों को उसे उठाकर भंडारण के लिए सोचना पड़ता है। कभी-कभी तो यह स्थिति आ जाती है कि किसानों को समय से खाद भी नहीं उपलब्ध हो पाता है। ऐसी स्थित में डीलरों के गोदामों का सहारा लेना पड़ता है। इसे देखते हुए जिले में खाद रखने के लिए दस हजार कुंतल की क्षमता का एक और गोदाम बनना शुरू हो गया है। बहुत जल्द ही कार्यदायी संस्था गोदाम के निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। इससे जहां भरपूर खाद का लंबे समय तक भंडारण किया जा सकेगा, वहीं जिले के किसानों को वक्त पर खाद भी मुहैया होने लगेगी।
निर्माण पर खर्च होंगे 1.70 करोड़ रुपए
करीब साल भर पहले इस समस्या को पीसीएफ के तत्कालीन जिला प्रबंधक अमित चौधरी ने उच्चाधिकारियों व शासन के संज्ञान में लाया तो जनवरी 2024 में ही इसके निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ ( पैक्सफेड) को इस्टीमेट भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सक्रिय हुई कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों ने 1.70 करोड़ रुपए का इस्टीमेट शासन को भेजा। फरवरी में ही शासन ने मंजूरी देकर इसका वर्चुअली शिलान्यास भी कर दिया था। बावजूद इसके नारंग रोड पर घरसोहिया स्थित पीसीएफ कार्यालय परिसर में चिन्हित भूमि पर कई विशालकाय पेड़ निर्माण की राह में बाधा बने हुए थे। जब तक इन पेड़ों के कटान की प्रक्रिया समाप्त हुई, तब तक बरसात शुरू हो गई। अब जाकर कार्यदायी संस्था ने इस जमीन पर दस हजार कुंतल के खाद भंडारण के लिए गोदाम का निर्माण चालू कर दिया है। इससे जिले के करीब पांच लाख किसानों को समय से खाद की उपलब्धतता सुनिश्चित होने लगेगी।
नवंबर तक पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य
जिले में नया गोदाम बन जाने से खाद के भंडारण की क्षमता बढ़ जाएगी और किसानों को खाद हर वक्त उपलब्ध रहेगा। कार्यदायी संस्था द्वारा नवंबर माह तक निर्माण पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया है।
