बस्ती। काशी में आयोजित कवि सम्मेलन में डॉ. अजीत श्रीवास्तव’ राज’ छा गए। उनकी रचनाओं को खूब वाहवाही मिली। श्रोताओं ने खूब डूबकर उन्हें सुना।
काशी साहित्यिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में उन्होंने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से साहित्यिक रूप से समृद्ध बस्ती जिले की पहचान को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। उन्हें अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह प्रदान कर ‘काशी काव्यश्री सम्मान’से सम्मानित किया गया।
काशी में आयोजित कार्यक्रम से वापस लौटे डा. अजीत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हर जिले मे बस्ती की खुशबू फैल चुकी है। साहित्य के क्षेत्र में देश,दुनिया में जिले का नाम रोशन करने वाले आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, लक्ष्मीनरायन लाल, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की पावन धरा साहित्यकारों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रही है। यह बस्ती की माटी का ही प्रभाव है कि यहां के साहित्यकार अपनी साहित्यिक विरासत को संजोए है और पूर्वजों ने साहित्य के क्षेत्र में अपना जो परचम लहराया उस विरासत को आगे बढ़ाने में लगे हैं। कहा कि मुख्य अतिथि कंचन सिंह परिहार, अध्यक्षता कर रहे डा. संजय अनंत, अरूणिमा दूबे, कार्यक्रम संयोजक सुनीता जौहरी के हाथों मिले सम्मान से उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है।
कहा कि साहित्य को समृद्ध करने के लिए सभी को मिल जुलकर प्रयास करना चाहिए।
डा. अजीत को काशी में सम्मानित किये जाने पर डा. रघुवंश मणि, हरीश दरवेश, मुकेश मिश्र, विनोद उपाध्याय, सुमन श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी, शाद अहमद शाद, रत्नेन्द्र पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह राही, पारस वैद्य, सागर गोरखपुरी, समीर तिवारी आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।
