बस्ती। वाल्टरगंज कस्बे में रेलवे द्वारा अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाई फिलहाल टल गई है। रेलवे की ओर से चस्पा की गई नोटिस बाद स्थानीय नागरिक और दुकानदार धरने पर बैठ गए। कांग्रेस ने भी उनके धरने को समर्थन दे दिया। इसके बाद मामले ने और तेजी पकड़ ली। रेलवे ने ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा कर दी थी, जिसे लेकर माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण था।
रेलवे ने दी थी बुलडोजर चलवाने की नोटिस
रेलवे की ओर से नोटिस जारी करते हुए रेलवे की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी। अतिक्रमण न हटने की दशा में 11 जनवरी को प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवाया जाएगा। इसे लेकर माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण था। धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि नोटिस निरस्त किया जाये, हम अपनी दुकानों, मकानों को नहीं गिरने देंगे।
नेताओं, अधिकारियों की वार्ता बाद बैकफुट पर आए रेलवे अधिकारी
शनिवार को रेलवे के नोटिस के मुताबिक अतिक्रमण पर बुलडोजर चलने को लेकर उपजे तनाव को देखते हुए प्रशासन और पुलिस भी सतर्क रही। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी मौके पर पहुंचे, रेलवे के अधिकारियों से इस बारे में वार्ता की। उप जिलाधिकारी सदर शत्रुध्न पाठक, पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्येन्द्र भूषण तिवारी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। रेलवे के अधिकारियों से वार्ता की। इस बात पर सहमति बनी कि जब तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। न्यायालय का फैसला आने के बाद ही रेलवे द्वारा कोई कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देने के बाद दो दिनों से चल रहा धरना समाप्त हो गया।
कोर्ट में मामला विचाराधीन रहने तक नहीं होगी कोई कार्रवाई
बता दें कि एक दिन पूर्व शुक्रवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष व अन्य कांग्रेसियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर ध्वस्तीकरण नोटिस के विरोध में चल रहे धरने का समर्थन किया था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’, ने कहा था कि गतिरोध अच्छा नही है। प्रशासन चाहे तो समस्या का हल निकल सकता है। सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी व अन्य मौके पर पहुंचे। आश्वासन दिया कि गलत तरीके से किसी का भी मकान, दुकान नहीं तोड़ा जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि रेलवे द्वारा स्थानीय प्रशासन पर ध्वस्तीकरण के लिए दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने फोर्स देने से मना कर दिया। बताया कि रेलवे के अधिकारियों से वार्ता के बाद यह सहमति बनी कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अभी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
