प्रधानाचार्यों ने भरी हुंकार: तदर्थ प्रधानाचार्यों के विनियमितीकरण सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर करेंगे विधानसभा का घेराव

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बस्ती। तदर्थ प्रधानाचार्यों के विनियमितिकरण सहित चौदह सूत्रीय मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद जल्द ही विधानसभा का घेराव कर निर्णायक संघर्ष करेगा। यह निर्णय राजकीय इंटर कालेज के बहुउद्देशीय सभागार में हुए ग्रीष्मकालीन चिन्तन शिविर एवं प्रादेशिक सम्मेलन के चर्चा सत्र में सर्वसम्मति से लिया गया।
संरक्षक श्रीनिवास शुक्ल,डॉ. वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार सिंह, महामंत्री डॉ. रवीन्द्र त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष डॉ. मणिशंकर त्रिपाठी, देवेन्द्र सिंह तेवतिया, सरला चौधरी ने प्रधानाचार्यों का आह्वान किया कि अपने हक और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार रहें।
प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुशील शर्मा, जनपदीय संरक्षक मार्कण्डेय सिंह,डॉ. घनश्याम श्रीवास्तव सम्मेलन संयोजक जिलाध्यक्ष बस्ती योगेश शुक्ल, मंत्री हरेंद्र प्रताप सिंह, अनिरुद्ध त्रिपाठी, सिद्धार्थनगर जिलाध्यक्ष रमाकांत द्विवेदी, संतकबीरनगर जिलाध्यक्ष राजदेव त्रिपाठी, डॉ. मनोज सिंह, विद्याधर वर्मा, डॉ. प्रमोद उपाध्याय, मनोज कुमार सिंह, संजय द्विवेदी, आज्ञाराम चौधरी, धर्मेन्द्र कुमार, चन्द्रमा कौशिक पाण्डेय, डॉ. केडी द्विवेदी, अरुण मिश्र, डॉ. बृजेश पासवान, सर्वेन्द्र नारायण द्विवेदी, विजय कुमार,डॉ. संजय द्विवेदी ने कार्यरत प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य का निर्धारित वेतनमान न दिए जाने पर गहरा रोष जताया।
समापन समारोह के अतिथि सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव, रुधौली विधायक राजेंद्र प्रसाद चौधरी, कप्तानगंज विधायक कवीन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रधानाचार्य सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। इनकी समस्याओं और जायज मांगों के प्रति प्रदेश सरकार का उपेक्षात्मक रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार की संवेदनहीनता का परिचायक है। प्रधानाचार्य परिषद के हर संघर्ष में भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया।
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम श्रीवास्तव, डॉ. धु्रव चन्द्र पाठक, तेज बहादुर चौधरी, नरेन्द्र त्रिपाठी सहित प्रदेश कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों को स्मृति चिह्न और उत्तरीय भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह में डॉ. विजय प्रकाश वर्मा, केके शर्मा, शैलेन्द्र दत्त शुक्ल, गौरव पाठक, धर्मवीर सिंह, सहदेव सिंह, अरविन्द त्रिपाठी सुनील पाण्डेय, अरुण श्रीवास्तव, संतोष कुमार पाण्डेय, राम भवन, राकेश कुमार शर्मा, राम सहाय, राकेश कुमार चौधरी, विजय शंकर सिंह, रमेश कर पाठक, सूर्य नारायण उपाध्याय भावुक, डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी, जय प्रकाश नायक, सीमा वर्मा, विक्रांत राम त्रिपाठी, वेदनारायण पयासी, आनन्द वर्धन मिश्र, पवन शुक्ल, रामरक्षा वर्मा, हरीराम, रामनिवास कुशवाहा, शैलेन्द्र शर्मा सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए प्रधानाचार्यों ने भागीदारी निभाई।