सौ साल पुराना अमहट पुल ढहने के बाद कुआनों नदी में छोड़ दिया गया मलवा, उठ रही दुर्गंध, फैल रहा प्रदूषण

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भाजपा हर्रैया विधायक ने नदी से मलवा निकालने के लिए डीएम को दिया पत्र, 8 साल बाद जगी नदी से पुल का मलवा निकलने की उम्मीद

बस्ती। करीब 8 साल पहले कुआनों नदी के अमहट तट के पुल का मलबा जिम्मेदारों ने नहीं हटाया। हालत यह है कि सौ साल पुराने अमहट पुल के ढहने के बाद उसका मलवा नदी में ही छोड़ दिया गया। उसकी जगह नया पुल बना दिया गया, लेकिन ढहे अमहट पुल का मलबा नदी से बाहर नहीं निकाला गया, हालत यह है कि पुल का मलवा प्रदूषण और दुर्गंध का कारण बन गया है। यहां आने वालों को स्वच्छ वातावरण की जगह दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। शहर के प्रवेश द्वार अमहट स्थित पुराने पुल की बदहाल स्थिति को भाजपा विधायक अजय सिंह ने गंभीरता से लिया है। अपने प्रतिनिधि सरोज मिश्र के माध्यम से डीएम को पत्र देकर कुआनों नदी में पड़े मलवा को हटवाए जाने की मांग किया है।बता दें कि फरवरी 2017 में गिट्टी लदे एक ओवरलोड ट्रक के गुजरने के कारण दिन में कुआनो नदी पर बना अमहट पुल ढह गया था। पुल ढहने के कारण ट्रक भी नदी में समा गया था। ट्रक चालक समेत तीन लोगो को नदी के पास मौजूद लोगों ने किसी तरह से डूबने से बचा लिया था। कुआनों नदी के अमहट घाट पर बने पुराना पुल पर काफी दिनों से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित था, लेकिन यहां पुलिस की मिलीभगत से अक्सर लोडेड ट्रकों की आवाजाही होती रहती थी। भारी वाहन के गुजरने से पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था, लेकिन लगभग 8 साल बाद भी उसका मलबा कुआनों नदी में पड़ा हुआ है। कुआनो तट पर आने वाले नागरिकों ने बताया कि पुल का यह मलबा न केवल नदी की सुंदरता को बिगाड़ रहा है, बल्कि प्रदूषण और दुर्गंध की बड़ी वजह भी बन गया है। कुआनों नदी का जल दूषित हो रहा है और आसपास के इलाकों में असहनीय बदबू फैल रही है। सुबह-शाम सैर या पूजा-पाठ के लिए अमहट घाट पहुंचने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।हर्रैया भाजपा विधायक प्रतिनिधि सरोज मिश्र द्वारा जिलाधिकारी को पत्र देकर शीघ्र कार्रवाई करते हुए नदी में पड़े मलबे को हटवाए जाने की मांग बाद उम्मीद जगी है कि नदी में पड़े ध्वस्त पुल का मलवा हटेगा और नदी प्रदूषण मुक्त होगी। सरोज मिश्र का कहना है कि सफाई और पुनर्निर्माण से न केवल शहर का प्रवेश द्वार स्वच्छ और आकर्षक बनेगा, बल्कि कुआनों नदी का प्राकृतिक सौंदर्य भी पुनः लौट आएगा।