बस्ती। मुण्डेरवा थाना क्षेत्र के उदयपुर निवासी राजकुमार चौधरी (32) के कथित अपहरण का पुलिस ने खुलासा किया है। उसकी मथुरा जिले से सकुशल बरामदगी की है। पुलिस के अनुसार उसने अनेक लोगों से करीब 50 लाख रूपया लेकर ट्रेडिंग में लगाया था, जिसमें उसे लाभ की जगह हानि हुआ। जिन लोगों ने उसे रूपए दिए थे वह उससे वापस मांग रहे थे। रूपया वापस मांगने के बढ़ते दबाव के चलते उसने स्वयं के अपहरण की कहानी रची थी।
सड़क किनारे मिला था बाइक,पर्स, बैग,परिजनों ने जताई थी अनहोनी की आशंका
बता दें कि 15 जनवरी को पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के एक ढाबा पर खाना खाने के बाद वह लापता हो गया था। परिजनों से बताया िकवह खाना खाकर घर वापस आ रहा है। लेकिन देर रात तक वह घर वापस नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के सबदेइया कला गांव के पास उसकी मोटर साईकिल, बैग, पर्स सड़क के किनारे पड़ा मिला था। गुमशुदगी दर्ज कराते हुए परिजनों ने उसके साथ किसी अनहोनी की आशंका जताई थी। उसका अपहरण करने की आशंका जताते हुए सरदार सेना ने धरना प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौपा था, उसके सकुशल बरामदगी की मांग की थी।
पुलिस, एसओजी, सर्विलांस टीम की मदद से मथुरा से की गई सकुशल बरामदगी
एसपी अभिनन्दन ने बताया कि गायब राजकुमार चौधरी के पिता की लिखित तहरीर पर पुरानी बस्ती थाना पर गुमशुदगी दर्ज की गई थी। पुरानी बस्ती पुलिस, एसओजी, सर्विलांस सेल टीम उसकी बरामदगी के लिए लगी थी। टीम की जांच पड़ताल के बाद मिले सुराग के आधार पर मथुरा जनपद से उसकी बरामदगी की गई।
50 लाख रुपए उधार लेकर ट्रेडिंग में लगाया,लाभ की जगह हुआ हानि
पूछताछ के दौरान स्वयं के अपहरण की कहानी रचने वाले राजकुमार चौधरी ने बताया कि उसने अनेक लोगों से करीब 50 लाख रूपया लेकर ट्रेडिंग में लगाया था, लेकिन उसे लाभ की जगह काफी लॉस हो गया। जब रूपया देने वालों ने वापसी का दबाव बनाया तो उसने अपने अपहरण की कहानी रच दी। ढाबे पर खाना खाने के बाद सबदेईया कला गांव पहुंचकर उसने अपनी मोटर साईकिल, बैग , पर्स सड़क के किनारे फेंक दिया। आटो से बड़ेवन पहुंचा और वहां से बस पकड़कर कानपुर, उसके बाद ट्रेन पकड़कर प्रयागराज होते हुए मथुरा चला गया था। अपना मोबाइल उसने सबदेईया कला में ही बंद कर दिया था। मथुरा पहुँचने के बाद उसने मोबाइल से सिम भी निकाल कर फेंक दिया था। इससे लोगों को यह विश्वास हो गया था कि उसका अपहरण हो गया है। सोचा था कि घर पर सूचना देने से जिन लोगों को पैसा वापस देना है उनकी उसे सहानुभूति मिल जाएगी और वे कुछ समय तक पैसा वापस मांगना बंद कर देंगे।यही सोच कर उसने मथुरा रेलवे स्टेशन से कोर्ट एरिया पहुंच कर वहाँ से अपने परिजनो को फोन किया था, लेकिन उसकी योजना धरी रह गई। पुलिस टीम ने उसे मथुरा से बरामद कर लिया।
